Sunday, December 23, 2007

हैसियत


वक़्त कि खड्डी पर
बड़े दिनों से
एक चादर बुन रहा हूँ

ताकी ..
सो सकूं
आराम से
कुछ देर पैर फैला कर..

पर जब भी
बीच मे रूक कर
इसे नापता हूँ

तो लगता है
मेरी चादर
बुनते बुनते ही सिकुड़ गयी है
या बीते वक़्त मे
मेरे पैरों कि
लम्बाई बढ़ गयी है ..

Saturday, December 22, 2007

सप्तर्षि- दसवां दिन - चल खुसरो घर आपने



सप्तर्षि- नौवां दिन- मालवा मुनाबाव मंदिर





सप्तर्षि- आठवाँ दिन - और ज़िंदगी चलने लगी





सप्तर्षि -सातवाँ दिन- डटे रहो





सप्तर्षि- छठा दिन चर्या चिंकारा चौखला







सप्तर्षि- पांचवा दिन - धन्ना सेठ





Wednesday, October 31, 2007

सप्तर्षि चौथा दिन- जिन दोबरै दोबरा नोत्स

















Monday, October 29, 2007

सप्तर्षि- तीसरा दिन - आहत को राहत





Saturday, October 27, 2007

सप्तर्षि- दूसरा दिन दवाईयां - दृश्यावली - दाद





Friday, October 26, 2007

सप्तर्षि-- दोस्तों मैं यहाँ पर बाडमेर की बाढ़ में अपने अनुभव के बारे में लिख रहा हूँ। यह दस दिन लम्बा यात्रा वृत्तांत है, पहला भाग आपके सामने है।